पनघट से नेह क़ी गगरी भऱ ... चली जा रही थी पनिहारिन.... और तुम कंकरी लिए बैठे थे वृक्ष की ओट मे... क्या ये नेह की गगरी फोडने का दिलचस्पी खेल था...,? तुम्हारा ..... या मोहब्बत को बतियाने का अवसर देना चाहते थे? पनिहारिन......