टूटी हुई एड़ियों का दर्द कौन समझेगा मेरे सहारे बैठी हुई तकलीफों को कौन समझेगा गिरा दिया जाता है छत से पानी सबको पता है हो जाती है धरती गीली गिरने से टूटी पानी की कमर का दर्द कौन समझेगा | टूटी हुई एड़ियों का दर्द कौन समझेगा मेरे सहारे बैठी हुई तकलीफों को कौन समझेगा गिरा दिया जाता है छत से पानी