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जब भी बैचैन होता हूँ, कुदरत के नजारे देख लेता हूँ.

जब भी बैचैन होता हूँ, कुदरत के नजारे देख लेता हूँ. 
कुदरत कब मेहरबान हो जाये .कुदरत ही जाने

©Kamlesh Kandpal
  #kudrat