कभी जब कभी कोई आपको bye बोलने आएं तो उसे bye नहीं कहना.. .. क्यूंकि आप कभी उससे दुबारा मिलना नही चाहते, बात नही करना चाहते, उसे सुनना भी नही चाहते... उसके जाने , चले जाने, या लौट आने से अब भावनाओ पर कोई प्रवाह नही होता तो फिर bye बोलना बहुत ही निरर्थक और शून्य संवाद है तो वहां मौन रहना ज्यादा भावपूर्ण होगा.... क्यूंकि मौन हुए रिश्तों में संवाद नहीं रहता, सिर्फ खामोशी से एक दूसरे को कभी कभी देख सकते है तो उन रिश्तों को बातिन जाहिर करके अलविदा क्यों कहा जाएं,,,, वो तो पहले भी अपनी जगह से जा चुके होते है । Bye उसे बोलते है जिनसे निरंतर संवाद चलता रहे, जिनसे आज की बात खत्म करके अगले दिन फिर से नई शुरुवात करनी हो, जिनसे ये जाहिर किया जाए कि हम आगे मिलने वाले है तब उन्हे Bye बोलते है... हम हिंदुस्तानी Bye को अंतिम विदा नही मानते, आगे मिलने का , अर्ध विराम मानते है तब किसी को Bye बोलते है.... जिनसे कभी मिलना ही नही उन्हे Bye for always बोलना बेकार का शब्द है ।। मैने आज #महादेव की सुंदर तस्वीर देखी है मुझे लगता है स्त्रियों से ज्यादा हठ और स्नेह किसी भी प्राणी में नही होता.... वो अपने स्नेह से और हठ से महादेव के ह्रदय में भी डमरू बजा सकती है, और स्नेह में खुद को भी भस्म कर सकती है वो तुम्हारे अलविदा बोलने तक तुम्हारा इंतजार नहीं करेंगी, वो जो भी करती है अपने हठ और प्रेम में करती है... इसलिए स्त्रियां हमेशा से विदा होती आई है वो किसी को विदा नही करती , वो स्वयं अपने स्थान और रिश्ते से विदा हो जाती है🙏 #vibharuby ©पूर्वार्थ #bye