शोर और ख़ामोशी एक बेगुनाह की आँख से निकला आँसू न जाने कितनी गंगा जमीं पर ले आयेगा शिव की जटा कहाँ से लाओगे खामोशी सब कुछ बयां कर देती है शोर में बहुत कुछ दब जाता है बस शोर और खामोशी को पढ़ना आना चाहिए निर्बल को न सताईये ताकी मोटी हाय बिना साँस की फूँकनी लोह भसम कर जाये ( कबीर ) #shor #nojoto #writersofnojoto #hindi #hindiquote #quote #story #hindiwriters #writerscommunity #life #ifequote #thought