पैसा इन मज़लूमों को दे देता क्यों हज पर चला गया भूखों को खिला देता रोटी तीर्थ करने क्यों सजकर चला गया मानव सेवा खल्क - ए - खिदमत सबसे बड़ी इबादत वो खुदा था या भगवान कोई हरकतों पर तेरी हंसकर चला गया शायर - बाबू कुरैशी #मज़लूम