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मेरे खिड़की से, नजर आता एक चांद हर शाम को! उसके ब

मेरे खिड़की से,
नजर आता एक चांद 
हर शाम को!
उसके बिखरे झुल्फे,
नटखट सी चाल
धुंधला सा चेहरा
सुरीली आवाज़ 
शायद मुझे बुलाती है
फिर अशमा में खो जाती हैं !

©बद्रीनाथ✍️ #MainAurChaand  suman kadvasra  deepshi bhadauria  संजय श्रीवास्तव  Rupam Rajbhar
मेरे खिड़की से,
नजर आता एक चांद 
हर शाम को!
उसके बिखरे झुल्फे,
नटखट सी चाल
धुंधला सा चेहरा
सुरीली आवाज़ 
शायद मुझे बुलाती है
फिर अशमा में खो जाती हैं !

©बद्रीनाथ✍️ #MainAurChaand  suman kadvasra  deepshi bhadauria  संजय श्रीवास्तव  Rupam Rajbhar