💞🌼लेखन संगी।🌼💞
🌸//सदाबहार//🌸
"आपकी बेइंतहा चाहत में हर्फ़-हर्फ़ दुनिया से हम बड़े बेकार हो गए...
आप ग़ुलाब ढूँढते ही रहे यहाँ-वहाँ, हम इश़्क के बाग में सदाबहार हो गए....
कि--आपके इंतजार में हरसू जानिब, कितनी ही घड़ियाँ हुई दिन से साल,
दो पल सुकूँ-ए-ख़ास होने के एवज,रुसवाई में यूँ हम ज़ार-ज़ार हो गए।।" #yqdidi#YourQuoteAndMine#bestyqhindiquotes#restzone#collabwithrestzone#rzलेखकसमूह#rztask190