रोज़ थोड़ा थोड़ा लिखती हूं तुझको, दिया है कीमती तोहफ़ा ख़ुदा ने मुझको, यूं तो थोड़ा दूर है घर तुम्हारा, पर मेरे पास ही लगते हो मुझको, तुम्हें इश्क़ लिखती हूं, तुम्हें मोहब्बत लिखती हूं, तुम्हें प्रेम लिखती हूं, तुम्हें इबादत लिखती हूं, दिल का क़रार और राहत लिखती हूं, तुम्हें प्यार, तुम्हें चाहत लिखती हूं, और लिखती हूं वो बात, न मिले भी होने वाली मुलाक़ात, वो हर पल हर रात लिखती हूं, तुझसे बांटे जाने वाले सारे जज़्बात लिखती हूं, वो गुज़रे हुए कल लिखती हूं, वो आने वाले पल लिखती हूं, वो इज़हार, वो इकरार लिखती हूं, तेरे आने की खुशी का इंतज़ार लिखती हूं, वो दिल ए बेकरार लिखती हूं, आंखों में बसी सूरत का दीदार लिखती हूं..!! - Kiran ✍🏻❤️🧿 ©ख्वाहिश _writes #Flower