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हो चली है रात ओर लौट रहे हैं परिंदे घरको हुम् अभी

हो चली है रात ओर लौट रहे हैं परिंदे घरको
हुम् अभी भी पकड़े हुए हैं ये कमबख्त फ़ोन अपने हथो में।
न जाने कब नींद का झोंका आजाये ओर हुम् सो जाएं #आज फिर जगा वो सोया हुआ शायर बरसो के बाद।
हो चली है रात ओर लौट रहे हैं परिंदे घरको
हुम् अभी भी पकड़े हुए हैं ये कमबख्त फ़ोन अपने हथो में।
न जाने कब नींद का झोंका आजाये ओर हुम् सो जाएं #आज फिर जगा वो सोया हुआ शायर बरसो के बाद।

#आज फिर जगा वो सोया हुआ शायर बरसो के बाद। #शायरी