Nojoto: Largest Storytelling Platform

'तेरी जुदाई का दर्द' जब तेरी जुदाई का दर्द सहा नह

'तेरी जुदाई का दर्द'

जब तेरी जुदाई का दर्द सहा नहीं जाता,
तो सोचता हूं की भुला दूं तुझे।

और भूल भी जाता तुझे कुछ दिन के लिए,
फिर जैसे ही पीता हूं दो पैग शराब के, तू फिर से याद आने लगती है।

पता नहीं ये शराब का असर है या तेरी यादों का,
तू क्यूं मुझे हद से ज्यादा सताने लगती है।

तेरी भी तो एक बुरी आदत है,
नहीं लेती सुद मेरी हफ्तों तक।

मैं तो सोचता हूं कि भूल गई होगी तू मुझे,
जैसे करते है पेड़ याद अपने पत्तों को हरे पत्तों तक।

सूखने पर पत्तों के,
उनकी जड़ उन्हें भुलाने लगती है।

जब तेरी जुदाई का दर्द सहा नहीं जाता,
तो सोचता हूं की भुला दूं तुझे।

और भूल भी जाता तुझे कुछ दिन के लिए
,फिर जैसे ही पीता हूं दो पैग शराब के, तू फिर से याद आने लगती है।

पता नहीं ये शराब का असर है या तेरी यादों का,
तू क्यूं मुझे हद से ज्यादा सताने लगती है।

©Ravindra Singh
  'तेरी जुदाई का दर्द'

जब तेरी जुदाई का दर्द सहा नहीं जाता,
तो सोचता हूं की भुला दूं तुझे।

और भूल भी जाता तुझे कुछ दिन के लिए,फिर जैसे ही पीता हूं दो पैग शराब के, तू फिर से याद आने लगती है।

पता नहीं ये शराब का असर है या तेरी यादों का,

'तेरी जुदाई का दर्द' जब तेरी जुदाई का दर्द सहा नहीं जाता, तो सोचता हूं की भुला दूं तुझे। और भूल भी जाता तुझे कुछ दिन के लिए,फिर जैसे ही पीता हूं दो पैग शराब के, तू फिर से याद आने लगती है। पता नहीं ये शराब का असर है या तेरी यादों का, #Poetry

2,857 Views