ना कर शिकवा ज़िन्दगी से, वक़्त हमेशा एक जैसे नहीं होते हैं, ऐसा वक़्त भी आता है जब, हम तनहाईयों में छुपकर रोते हैं। घोर निराशा छा जाती है, जब कुछ भी समझ नहीं आता है कुछ वक़्त सुहाने से ज़िन्दगी के, दिल के कोने में छुपे होते हैं। चलते-चलते राह-ए-ज़िन्दगी में जब, गुज़रे पल याद आते हैं, उन सुहाने पलों को याद कर, ज़िन्दगी के सफ़र कट जाते हैं। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 के प्रतियोगिता:-118 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।