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सुन तिहारे रोज़ झांसे में नहीं आएंगे। मत पुक

सुन  तिहारे  रोज़  झांसे  में नहीं  आएंगे।
मत  पुकारों  लोग  फांसे में  नहीं आएंगे।

नार रखते और  होंगे  द्यूत  क्रीड़ा खेलने,
हम  बिसातों  और  पांसे में नहीं  आएंगे।

गम बुरा है  रोग का छुपता नहीं छुपाने से,
दिल बुझा   रम जान रासे  में नहीं आएंगे।

उड़ गई रंगत  बुझा  चहरा  तिरी चाहत में,
इश्क में   मर कर  दिलासे में नहीं आएंगे।

ओढ़ चादर सो गया वो आप गुमनामी में।
छुप  गया  फिर हम जगाने  नहीं आएंगे।

      ✍️के एल महोबिया

©K L MAHOBIA
  #आशिकी  में  :- के एल महोबिया
klmahobia1677

K L MAHOBIA

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#आशिकी में :- के एल महोबिया #शायरी

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