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मुस्कुराना भी फिजूल हैं ' जब दिलों में हजारों दर्द

मुस्कुराना भी फिजूल हैं '
जब दिलों में हजारों दर्दो का 
सैलाब उमड़ रहा हो । 
सब बनावटी मंजर नजर आते हैं 
कोशिशें हजार कर लो हंसने की मगर 
रोती हुई आखों का
साथ देना भी फिजूल है ।

©Shakuntala Sharma
  #, मुस्काना भी फिजूल है ।

#, मुस्काना भी फिजूल है । #शायरी

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