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छलक पड़े आँसू पानी बनकर अब नैनो में न एक बूंद बचा त

छलक पड़े आँसू पानी बनकर
अब नैनो में न एक बूंद बचा
तड़प रही भूख से जनता
तन में अब न खून बचा 
बिलख रहे है बच्चे सारे 
टूट चुके है अब 
अब हम हिम्मत हारे
त्राहि-त्राहि का शोर मचा है
संकट पर संकट 
ये चारो तरफ कैसा होड़ मचा है 
गरीबी ने पहले मारा 
रोजगार पर लगा है ताला
फिर आया कोरोना काला
किस-किस से बेचारी जनता लड़ती
भुखमरी से यूँ ही डरती 
कह रही ही जनता सारी 
तब भी  मरती अब भी मरती
✍️रिंकी



 छलक पड़े आँसू पानी बनकर
अब नैनो में न एक बूंद बचा
तड़प रही भूख से जनता
तन में अब न खून बचा 
बिलख रहे है बच्चे सारे 
टूट चुके है अब हम 
अब हमने  हिम्मत हारे
त्राहि-त्राहि का शोर मचा है
छलक पड़े आँसू पानी बनकर
अब नैनो में न एक बूंद बचा
तड़प रही भूख से जनता
तन में अब न खून बचा 
बिलख रहे है बच्चे सारे 
टूट चुके है अब 
अब हम हिम्मत हारे
त्राहि-त्राहि का शोर मचा है
संकट पर संकट 
ये चारो तरफ कैसा होड़ मचा है 
गरीबी ने पहले मारा 
रोजगार पर लगा है ताला
फिर आया कोरोना काला
किस-किस से बेचारी जनता लड़ती
भुखमरी से यूँ ही डरती 
कह रही ही जनता सारी 
तब भी  मरती अब भी मरती
✍️रिंकी



 छलक पड़े आँसू पानी बनकर
अब नैनो में न एक बूंद बचा
तड़प रही भूख से जनता
तन में अब न खून बचा 
बिलख रहे है बच्चे सारे 
टूट चुके है अब हम 
अब हमने  हिम्मत हारे
त्राहि-त्राहि का शोर मचा है