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मैंने जन्नत क्या होती है देखि नहीं और देखने कि इच

मैंने जन्नत क्या होती है देखि नहीं 
और देखने कि इच्छा भी नहीं 
मेरे लिए ये जीवन बहुत है 
यही जन्नत है, 
यहाँ प्रेम है, 
यहाँ दुख है, 
यहाँ साथी है 
यहाँ पीड़ा है 
यहाँ बढ़ते हाथ हैँ, 
जो सहारा बनते हैँ 
यहाँ परी नहीं है, 
यहाँ हर शक़्स मे खुदा है 
दरअसल, 
यहाँ तुम्हारी मोहोब्बत कि नगरी मे 
वो सब है जो जीने का आधार है 
यही मेरा घर है, 
यहीं मेरा परिवार है 
-shefali sharma #Love follow for more on fb and instagram,  shefali sharma
मैंने जन्नत क्या होती है देखि नहीं 
और देखने कि इच्छा भी नहीं 
मेरे लिए ये जीवन बहुत है 
यही जन्नत है, 
यहाँ प्रेम है, 
यहाँ दुख है, 
यहाँ साथी है 
यहाँ पीड़ा है 
यहाँ बढ़ते हाथ हैँ, 
जो सहारा बनते हैँ 
यहाँ परी नहीं है, 
यहाँ हर शक़्स मे खुदा है 
दरअसल, 
यहाँ तुम्हारी मोहोब्बत कि नगरी मे 
वो सब है जो जीने का आधार है 
यही मेरा घर है, 
यहीं मेरा परिवार है 
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