बिल्ली जब माँ बनी ✍श्याम सुंदर बंसल माँ आखिर माँ होती है दिल के करिब हो या नज़रो के दुर जितना भी डाट लगाए फिर भी प्यार करती हैं भरपुर माँ आखिर माँ होती है जीवन के हर कठिन पल संग होती है| नवजात शिशु जो बिल्ली का था दिखने में कोमल प्यारा मासूम सा था उसकी एक चिख से उसकी माँ का दौड़ कर आना वह पल कितना हसिन सा था| उसका अपने जीब से सहलाना अपने से उसको दुर होने न देना दुसरो को सामने आता देग गुर्राना अपने नवजात शिशु को इतना स्नेह देना सिर्फ एक माँ ही कर सकती हैं क्योंकि माँ आखिर माँ होती है जीवन के हर कठिन पल संग होती है| ©Shyam Bansal बिल्ली जब माँ बनी ✍श्याम सुंदर बंसल माँ आखिर माँ होती है दिल के करिब हो या नज़रो के दुर जितना भी डाट लगाए फिर भी प्यार करती हैं भरपुर