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बन्द आँखों से दिल ने उस पर ,एतबार किया था, हाँ ! ए

बन्द आँखों से दिल ने उस पर ,एतबार किया था,
हाँ ! एकतरफ़ा ही सही ,पर हमनें प्यार किया था,

खुली आँखे  तो दिल को, किरच किरच पाया था,
बिखरे हुए उन टुकड़ो को,फ़िर कौन समेट पाया था,

रुसवा  हो   गई  सरेआम,  मेरी  बेदाग  मोहब्बत,
किस ज़ुर्म की  सजा मिली हमें,  हाय री ! कुदरत ,

फिरते हैं अपने इश्क़ का जनाज़ा ,काँधों पर उठाए,
मेरी एकतरफ़ा मोहब्बत ,ए काश ! मुकम्मल हो पाए,

अब हम हैं और तेरी यादें , और तन्हाइयो के घेरे हैं,
गमगीन सी शामें हैं अब ,और धुंधलाये से सवेरे हैं।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #एकतरफा_इश्क 
#इश्क_का_अंजाम