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पलकें खोलूं तो सामने तुम बंद हो पलकें तो








पलकें खोलूं  तो सामने तुम 
बंद हो पलकें तो तुम ही भीतर 
तुम संग ही तो जीवन सीख रहीं  हूँ 
मैं हरदम तुमको खुद मैं जीकर 
तुम देखो तो सौंदर्य गज़ब हूँ 
मिलो जो तुम तो देखूं तुम्हें जी भर 
खुशियाँ ही बढ़ाने तो आये हैं अनंत से 
हम -तुम प्रेम की इस हरियाली ज़मीं पर ....!!!

©Vivek
  #पलकें खोलूँ
vivek7712018445095

Vivek

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#पलकें खोलूँ #कविता

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