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सागर दूषित हो गए, नदियां करें प्रलाप। झरने, झरना र

सागर दूषित हो गए, नदियां करें प्रलाप।
झरने, झरना रोक कर करते है आलाप ।।
करते है आलाप प्रकति को कौन बचाए ।
ऐसे में कोरोना ,भूकंप, सुनामी क्यो न आये ।
कह सतीश कविराय अभी कुछ समय है रीता ।
सब कुछ बच सकता है ,अभी सब कुछ नही है बीता ।।

©Satish Tripathi ugr जल ही जीवन है
सागर दूषित हो गए, नदियां करें प्रलाप।
झरने, झरना रोक कर करते है आलाप ।।
करते है आलाप प्रकति को कौन बचाए ।
ऐसे में कोरोना ,भूकंप, सुनामी क्यो न आये ।
कह सतीश कविराय अभी कुछ समय है रीता ।
सब कुछ बच सकता है ,अभी सब कुछ नही है बीता ।।

©Satish Tripathi ugr जल ही जीवन है