प्रेम की पुस्तक है प्रेम की पुस्तक बड़ी मासूम मेरी हर एक पन्ने पर लिखा बस नाम तेरा पहला पन्ना आत्मा की बात करता चांद तारों से तेरी सौगात भरता खूब उत्तेजित जलधि के गर्भ में जा उत्कृष्ट मोती से तेरा श्रृंगार करता फिर मेरे दिल को ये कहता धाम तेरा हर एक पन्ने पर लिखा बस नाम तेरा दूजा पन्ना है न्यौछावर रूप पर मेरी आत्मा! तेरे सौम्य स्वरूप पर उपमा को ना शब्द मिल पाए जो हो अनुरूप पावन गंगा के प्रारूप पर फिर बह चला मेरा मन मिला इसको न डेरा हर एक पन्ने पर लिखा बस नाम तेरा... ©Umang Agrawal प्रेम की पुस्तक #Love #booklove #Book #umangagrawal #poem