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गुण गुणों की प्रकृति तीन भागों में बंटी हुई हैं- 1

गुण
गुणों की प्रकृति तीन भागों में बंटी हुई हैं-
1. सत्तोगुण 2. रजोगुण एवं 3. तमोगुण

किए गए कार्य की प्रकृति देखकर यह अंदाजा लगाना बिल्कुल आसान हो जाता है कि हमारा कार्य कौनसी श्रेणी में रखा जा सकता है।
यदि किए गए कार्य में ईश्वरीय भाव छुपा है तो वह सतोगुण, मानवीय भाव छुपा है तो वह रजोगुण एवं दानवीय भाव छुपा है तो वह तमोगुण कहलाता है।

अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम कौनसा गुण धारण करें।

जन्म से लेकर मृत्यु तक इन गुणों का स्वरूप हमारे जीवन में हर क्षण - हर घड़ी विद्यमान रहता है।

©Subhash Rajasthani
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