दोस्ती का एक उसूल होता है छोड़ धर्म की मर्यादा कुछ घूट दोस्ती के चख लूँ तू पढ़ मेरी रामायण और गीता मैं तेरी कुरान पढ़ लूँ तू देख कुछ पवित्र श्लोक, मैं तेरी आयतों को सँजो के रख लूँ तू प्रार्थना कर ले मेरे ईश्वर की मैं तेरे खुदा को अपने दिल मे धर लूँ अरे ये जाति और धर्म का धंधा तो चंद गद्दारों ने फ़ैलाया है मोहबत करने वालों को भला कौन सा मजहब रोक पाया है हमशीर तेरी और बहन मेरी मे मैने कोई अंतर नही बताया है तेरे वालिद ने भी हमेशा मेरे पिता सा प्यार जताया है #ank rao सुन, तेरी नमाज और मेरी प्रार्थना को मैने कभी अलग नही जाना रहें हमेसा एक दूजे के साथ कभी हमने धर्म की हदूद को नही माना याद ह मुझे आज जो खाया वो तेरी माँ के हाथ का खाना भूल जाओगे गम जिंदगी भर के तुम सारे कभी नेक नियत से तुम मोहबत के गलियारों में आना इरादा नहीं मेरा की किसी के वजूद को ठेस पहुँचाऊँ मैं, ख्वाइस बस इतनी कि जात्ति ,धर्म छोड़ सब के दिलों को मिलाऊँ मैं , एक है हम सब बस ये ही धर्म के ठेकेदारों को समझाऊँ मैं छोड़ के अपने सारे उपनामों को बस एक हिंदुस्तानी कहलाऊं मैं राम भी दोस्त हैं मेरा सलीम भी मेरे दिल में बस्ता है देख साथ हमको मेरा ईश्वर और उसका खुदा भी हस्ता है परवाह नही जमाने की मुझे , ये तो हर आशिक पर ताने कसता है जरूरत पड़े तो हर धर्म का खून जान बचाता है वरना यहाँ धर्म की लड़ाई में बहता हुआ खून भी सस्ता है । #Mind