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कुछ अल्फ़ाज.......... मन हर्षित, अपलक,


कुछ अल्फ़ाज.......... 

         मन हर्षित, अपलक, मनभावन
                    ज्यों सावन में नाचे मोर, 
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खिली पंखुड़ियाँ मस्त मधुबन
शबनम से लब पुलकित सी भोर, 
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           तपन देह में उत्कंठित मैं बावरी
         टिप- टिप बरखा बरसे चहुँ और II
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©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"
  Anshu writer Sethi Ji Anupriya #Seema.k*_-sailent_*write@ Ashi Writes