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स्कूल और बेंच ये वो दौर था जब हम भी प्यार करते थे,

स्कूल और बेंच ये वो दौर था जब हम भी प्यार करते थे,
प्यार क्या होता हैं ये हमें मालूम भी नही था।
दिल शीशे सा साफ़ हुआ करता था मेरा,
पर ये कम्बखत इतना मासूम भी नही था।
किसी की खुमारी कुछ ऐसी चढ़ी थी,
की परीक्षा में बैठ कर भी उन्हे एकटक निहारा था।
लिखा कुछ नही था जवाब में प्रश्नों के,
उन्ही प्रश्नों को दोबारा उत्तर मे उतारा था।
3 घण्टे तक उस दिन उन्हे लगातर देखा था,
और 3 घण्टे तक उस बेंच पर सिर्फ उसका नाम लिखा था।
                                                       :-श्याम dosto.....ye koi kahani ya nazm nahi hai...ye hakikat me hua h mere school time me uska naam "R"se Suru hota h mi 3 ghante me pura banch bhar diya tha uske naam se...thank u nojoto kabhi socha ni tha is wakiye ko likhne ka mauka bhi milega.. कवि रामकृष्ण नेताम Kanchan Tiwari pooja negi# uttam yadav suman#
स्कूल और बेंच ये वो दौर था जब हम भी प्यार करते थे,
प्यार क्या होता हैं ये हमें मालूम भी नही था।
दिल शीशे सा साफ़ हुआ करता था मेरा,
पर ये कम्बखत इतना मासूम भी नही था।
किसी की खुमारी कुछ ऐसी चढ़ी थी,
की परीक्षा में बैठ कर भी उन्हे एकटक निहारा था।
लिखा कुछ नही था जवाब में प्रश्नों के,
उन्ही प्रश्नों को दोबारा उत्तर मे उतारा था।
3 घण्टे तक उस दिन उन्हे लगातर देखा था,
और 3 घण्टे तक उस बेंच पर सिर्फ उसका नाम लिखा था।
                                                       :-श्याम dosto.....ye koi kahani ya nazm nahi hai...ye hakikat me hua h mere school time me uska naam "R"se Suru hota h mi 3 ghante me pura banch bhar diya tha uske naam se...thank u nojoto kabhi socha ni tha is wakiye ko likhne ka mauka bhi milega.. कवि रामकृष्ण नेताम Kanchan Tiwari pooja negi# uttam yadav suman#
ghanshyam3872

shyam

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