रहमत मेरे खुदा की इस प्यारी नींद की खातिर,
ना जाने क्यूँ बन बैठा था मैं खुद का ही क़ातिल?
अरसों बाद ये शुकून अदा हुई हैं मेरे रूह को,
अब उस जहान में देखूँगा तेरे मुस्कुराते चेहरे को..
ये इर्ष्या, गुस्सा, द्वेष, दर्द से भर गया हैं मेरा मन,
मैं तो कर बैठा था तुमपे अपना सर्वस्व समर्पण.. #just#Dont_Be_Serious#Just_For_Fun