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bhaveshthakur5822
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Bhavesh Thakur

𝓕𝓻𝓸𝓶 बिहार (𝓢𝓪𝓱𝓪𝓻𝓼𝓪) 𝓟𝓻𝓸𝓾𝓭 𝓽𝓸 𝓫𝓮 𝓪𝓷 𝓘𝓷𝓭𝓲𝓪𝓷..🇮🇳 𝓞𝓽𝓱𝓮𝓻 𝓲𝓷𝓼𝓽𝓪 𝓲'𝓭 - @k.bhaveshthakur 𝓘𝓷𝓼𝓽𝓪 𝓵𝓲𝓷𝓴 👇👇👇

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Bhavesh Thakur

खलल पड़  गई  तब  लज्जत-ए-हयात  में,
उस-सा हसीन जब देखा इस  कायनात  में..

ये  प्यास  बुझेगी  अब  आब - ए - हयात  से,
उसका चेहरा हटता ही नहीं दिलों-दिमाग से..

सब   अंधेरा  लग   रहा   नूर - ए - हयात  में,
मुझे   फिक़्र   होती   हैं  तेरे बेरुख अंदाज़ से..

कभी भी जुदा न करना शरीक-ए- हयात से,
ऐ  खुदा  दुआ  हैं  मेरी   तुमसे  हर   बार  ये..

तूझे बस पाने की आरज़ू इस दौर-ए-हयात में,
मैं  खुद  को ही भूले  जा  रहा  हूँ  तेरे  याद में..

पहली जगह मिले तूझे मेरे रूदाद-ए-हयात में,
माँगुंगा  तेरी  खुशी  अपनी  आखरी  मुराद में..

©Bhavesh Thakur Rudra #Poetry 
#rain

17 Love

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Bhavesh Thakur

खुद में गुण दिखते है,औरों को दोष देना आसान,
लोग यहाँ  पर  मृत हैं, किन्तु  जीवित  हैं  पासान..

उचित अनुचित का भेद नहीं, स्थिल पड़ा समाज,
न्याय  हेतू  लड़ने  वालों  की, ठंडी पड़ी  आवाज..

ऊँच-नीच की  सीमा  बड़ी  हैं  कोई  नहीं  समान,
मरते हैं लोग जात-पात  पर, नगर बना  शमशान..

भगवान  सभी के एक, मनुष्य में कौन निकले भेद,
सबको समान अधिकार दो वर्ना,अन्त में होगा खेद..

निर्णय  लेने  से  डरते  कायर,  वीर  को  कैसा  भय,
जो समाजिक कुरीतियों से लड़ें,निडर,अजय,अभय..

एक ही  छत्र  के नीचे  बैठे, सबको  मिले  समान छाया,
सम्यक सहयोग हो सबका, बने समाज की सुदृढ काया..

©Bhavesh Thakur Rudra #Society

17 Love

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Bhavesh Thakur

सुर्य आग  बरसाता  हैं, क्रोधित  बैठा अब्ज़,
अन्त ग्लानि करते मानव, धरा रहीं ना सब्ज़..

बासी  पेट  बच्चे  सोते,  करते  क्रंदन  पुकार, 
कष्ट से व्याकुल होता हृदय, कोन सुने झंकार..

पृथ्वी  बचाने  आएँ, यहाँ  नहीं  कोई अवतार,
खुद  की दुर्गति  देख  हँसे, ज्ञानी व समझदार..

शिथिल पड़ जाती काया, कभी कंपन करता देह,
भय  हैं  कहीं खो  ना  जायें, जिनसे  हमें  हैं स्नेह..

भूमी  बंज़र  हो  गई,  काल  बन  गया  धूप,
हरियाली नष्ट  कर  गया, राक्षस सा स्वरूप..

©Bhavesh Thakur Rudra .

.


#endoftheworld
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Bhavesh Thakur

मैं जानता हूँ 

तुम    चले    तो    गये    हो    दूर    बहुत,
पर  मुड़कर  ज़रुर देखा होगा  मैं जानता हूँ..

तन्हाई  मुझे  खोखला कर रही अंदर से,
तुझे   फ़िक्र   है  मेरी   मैं  जानता   हूँ..

ये मोहब्बत  इतना महंगा पड़ेगा सोचा ना था,
मेरा हाल-ए-दिल या तो तुम या मैं जानता हूँ..

मशहूरी के गुरुर में मेरे इश्क़ को ठुकरा रही हो,
तुझे   शोहरत   का   गुमान  है  मैं  जानता  हूँ..

तेरा  आलिंगन कर तुममे एकाकार हो जाने की आश है,
तुझे    खोने    का    ये   दर्द    बस    मैं    जानता   हूँ..

दिलों-दिमाग  में  तुम्हें खोने का खौफ़ छाया है,
एक दिन तेरे इश्क़ में मर जाऊँगा  मैं जानता हूँ..

©Bhavesh Thakur Rudra .

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#iknow
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Bhavesh Thakur

मेरी यात्रा 

निर्भीकता     से     पुर्ण    होकर 
दुर्गम    पथ    पर    चल    पड़ा,
पराजय स्वीकार किया कभी ना
आगे      बस      बढता      रहा..

जीवन  यात्रा  आरम्भ  हुई  तो
बाधाएं    थी    समक्ष     खड़ी,
परिश्रम  का हाथ  थामा तब मैं
कष्ट,   पीड़ा     क्षणभंगुर    थी..

मेरी   यात्रा    चलती     रहेगी 
जब   तक   तन   में   प्राण  है,
सुखद  अनुभूति  होती हैं  अब
लगता     यहीं     सम्मान     है..

©Bhavesh Thakur Rudra मेरी यात्रा 

निर्भीकता से पुर्ण होकर 
दुर्गम पथ पर चल पड़ा,
पराजय स्वीकार किया कभी ना
आगे बस बढता रहा।

जीवन यात्रा आरम्भ होते ही

मेरी यात्रा  निर्भीकता से पुर्ण होकर  दुर्गम पथ पर चल पड़ा, पराजय स्वीकार किया कभी ना आगे बस बढता रहा। जीवन यात्रा आरम्भ होते ही #शायरी #Travelstories

15 Love

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Bhavesh Thakur

पहली  दृष्टि में प्रेम हुआ तुमसे,
मैं  हार  बैठा  अपना   तन-मन..

तुमसे ही दिन शुरु होती थी,
रात  होती  तुमपे  ही खतम..

विश्वास की अपेक्षा थी तुमसे,
तोड़   दिये   मेरे   सारे  स्वप्न..

प्राण जाने का भय नहीं मुझको,
तुम्हें  खोने  से   लगता  था  डर..

भयानक स्वप्न मेरा सत्य हो गया,
मेरा ध्यान नहीं  आया एक क्षण..

वचन था साथ निभाने का मेरा,
सब नष्ट हो गया तुम्हारे कारण..

प्रेम की  परिभाषा  कैसी  हैं,
अब  देखो  मेरे  नेत्र  हैं  नम..

हृदय  की पीड़ा हृदय ही जानें,
विरह से विचलित हुआ ये मन..

व्यथा  क्या कहूँ अन्तर्मन की सखी,
जी रहा हूँ तुम बिन ये नीरस जीवन..

©Bhavesh Thakur Rudra .


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पहली दृष्टि में प्रेम हुआ तुमसे,

. . पहली दृष्टि में प्रेम हुआ तुमसे, #कविता #alonesoul

17 Love

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Bhavesh Thakur

मैं कहाँ हूँ

©Bhavesh Thakur Rudra .
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🌼❤

. . . 🌼❤ #शायरी

17 Love

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Bhavesh Thakur

धुंध के सायें में छिपे रहना अज़ीज़

हश्र मेरा जो हो तौबा करें दुनिया..

©Bhavesh Thakur Rudra #findyourself
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Bhavesh Thakur

आचार्य (अंधकार से प्रकाश)

©Bhavesh Thakur Rudra _*अंधकार से प्रकाश*_

'गु' का अर्थ हैं अंधकार
'रु' का अर्थ प्रकाश हैं
अंधकार में जो सुर्य बना
वहीं 'गुरु' तो मेरी आश हैं..

नित चरण वंदन करुँ

_*अंधकार से प्रकाश*_ 'गु' का अर्थ हैं अंधकार 'रु' का अर्थ प्रकाश हैं अंधकार में जो सुर्य बना वहीं 'गुरु' तो मेरी आश हैं.. नित चरण वंदन करुँ #teachers #कविता

17 Love

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Bhavesh Thakur

स्त्री

बाल्यावस्था से माँ को देखा,
शांत स्वभाव, कोमल हृदय, सहनशील
सब दुख सहने वाली फिर भी ना
मुख से उफ्फ़ करने वाली देवी की प्रतिमा को देखा..

हर विपदा में ढाल बनी, हर दुख में वो थी साथ खड़ी,
मुख पे हमेशा मुस्कान, गुस्से में भी पुचकार
शांत चित छवि को देखा मैने बचपन से माँ को देखा..

जब प्रताड़ित की जाती थी वो, पीड़ा मुझको होती थी,
नेत्रों से बहते अश्रुधार फिर क्यों चुप हो बस देखती थी?
हृदय क्रंदन कर जाता था मन करता लिपट जाऊँ तन से
और सारे प्रहार को सहर्ष ले लूँ स्वयं पे..

लाचारी भी उसको क्या थी ऐसी मौन हो सब सहती थी,
कष्ट सहती असीम वो क्यों प्रतिकार नहीं करती थी?

माँ और ईश्वर दोनों ही सृजन करते हैं जीवन का,
फिर भी संसार में मोल नहीं स्त्रियों का, उनके हक़ का..

सब्र का बाँध जो टूटेगा रणचंडी सा संहार करेगी..
फिर उनकी साहस पर क्या ये सृष्टि विश्वास करेगी?

एक संदेश मेरा हैं तुम सबको,
सम्मान करो हर नारी का..
वो बहन, माँ, पत्नी हो या अन्य,
रक्षा करो हर नारी का..

©Bhavesh Thakur Rudra #mother
#womanpower 
#womenempowerment
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