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आज कल अक्सर हम मुस्कुराने लगे हैं ना जाने कितने ख्

आज कल अक्सर हम मुस्कुराने लगे हैं
ना जाने कितने ख्वाब आँखों में सजाने लगे हैं
एक हसरत है कि, कभी हों एक दूजे से रूबरू
आज कल ज़माने से नज़रें चुराने लगे हैं

©Sanjay Ni_ra_la
  आजकल अक्सर हम मुस्कुराने लगे हैं

आजकल अक्सर हम मुस्कुराने लगे हैं #शायरी

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