मोहब्बत करने का रिवाज छोड़ चुके है हम, जी लेंगे यादो के गलियारो में हम, बाकी वो भी मंजूर नही हुआ अगर तो खुद के समापन से कतरा भी नही हटेंगे हम :-yash khangarot aditya singh