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वो शर्मीली सी सकुचाई सी, रुक रुक कर नज़रें मिलाती

वो शर्मीली सी सकुचाई सी, 
रुक रुक कर नज़रें मिलाती है। 
होठों पर मंद मुस्कान उसकी, ☺
दिल के तार हिला जाती है। 😍
सुनकर बोल उसके मुख से, 
आत्मा भी तृप्त हो जाती है। 😌
जो निकले उसकी आँखों से आँसू
विपदा इस दिल पर आ जाती है। 💔
वो हो जाए जो आँखों से ओझल, 
मन में उदासी छा जाती है। 😞
नहीं हो सकती वो मेरी कभी, 
कसक यही मुझे रुला जाती है।😓
कितना भी समझा लू इस दिल को, 
वो जहन से निकल नहीं पाती है। 
हाँ  पिछले जनम में थी वो मेरी, 
ये ज़ुबाँ उसको नहीं बता पाती है। 
हो अगले जनम में वो बस मेरी❤
यही दिल में तमन्ना रह जाती है।

©Prerna Shukrayawal #woladkimerijaan
वो शर्मीली सी सकुचाई सी, 
रुक रुक कर नज़रें मिलाती है। 
होठों पर मंद मुस्कान उसकी, ☺
दिल के तार हिला जाती है। 😍
सुनकर बोल उसके मुख से, 
आत्मा भी तृप्त हो जाती है। 😌
जो निकले उसकी आँखों से आँसू
विपदा इस दिल पर आ जाती है। 💔
वो हो जाए जो आँखों से ओझल, 
मन में उदासी छा जाती है। 😞
नहीं हो सकती वो मेरी कभी, 
कसक यही मुझे रुला जाती है।😓
कितना भी समझा लू इस दिल को, 
वो जहन से निकल नहीं पाती है। 
हाँ  पिछले जनम में थी वो मेरी, 
ये ज़ुबाँ उसको नहीं बता पाती है। 
हो अगले जनम में वो बस मेरी❤
यही दिल में तमन्ना रह जाती है।

©Prerna Shukrayawal #woladkimerijaan