विजय जीवन जब होता जब आस्थायें आत्मा में होती धर्म दिल में रहता लक्ष्य तभी हासिल होता जब जीवन नेकी की राह पर चलता युद्ध किसी भी परिस्थिति से हो क्योंकि आखिर विजित तो हर "राम" ही होता ✍ कमल भंसाली विजय