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सपने उसके भी थे हसरतें उसकी आज भी क़ैद दिल में है,

सपने उसके भी थे
हसरतें उसकी आज भी
क़ैद दिल में है,
अपनों के बोझ ने
पर कुतर डाले
नन्हें चिड़िया के पड़,
चारदीवारी में क़ैद
उसकी ख़्वाब रह गए
बसे जो नयनों में थे,
पायल के छनकार में
चूड़ियों के खनक में
दब गई उसकी आवाज,
मूरत मिली फिर उन सपनों को
आवाज़ उस दबी ज़ुबां को
ख़ुद के लिए बोल ना सके कभी,
अपनी परी के लिए
सजाए थे आज फिर
सपनों भरा वो आँगन,
क़ैद नहीं होगी कोई नन्ही चिड़िया
पंख लगेंगे हसरतों को
लक्ष्य उसने अब यही साधा था. 

©avinashjha चारदीवारी में क़ैद
सपने उसके भी थे
हसरतें उसकी आज भी
क़ैद दिल में है,
अपनों के बोझ ने
पर कुतर डाले
नन्हें चिड़िया के पड़,
चारदीवारी में क़ैद
उसकी ख़्वाब रह गए
बसे जो नयनों में थे,
पायल के छनकार में
चूड़ियों के खनक में
दब गई उसकी आवाज,
मूरत मिली फिर उन सपनों को
आवाज़ उस दबी ज़ुबां को
ख़ुद के लिए बोल ना सके कभी,
अपनी परी के लिए
सजाए थे आज फिर
सपनों भरा वो आँगन,
क़ैद नहीं होगी कोई नन्ही चिड़िया
पंख लगेंगे हसरतों को
लक्ष्य उसने अब यही साधा था. 

©avinashjha चारदीवारी में क़ैद
avinashjha8117

Avinash Jha

New Creator

चारदीवारी में क़ैद