तेल जैसे पानी पर तैरे, वैसे मैल तैरे मन पर मेरे-तेरे। हरि कृपा बिनु मिटे न मन मैल, चाहे लाख करें ज्ञान-गुण गान के हू। ©Narendra kumar #PenPaper