तीन युवा परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा वो हंस रहे थे मगर, हिन्दुस्तान रो पड़ा जिए तो खूब जिए और मरे तो खूब मरे महाविदाई पर सतलुज का श्मशान रो पड़ा.. भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु दिलों में हैं, २३ मार्च को भारत महान रो पड़ा.. insta|@aawaradil तीन युवा परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा... वो हंस रहे थे मगर, हिन्दुस्तान रो पड़ा... जिए तो खूब जिए और मरे तो खूब मरे, महाविदाई पर सतलुज का श्मशान रो पड़ा... भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु दिलों में हैं, २३ मार्च को भारत महान रो पड़ा..