काली गहरी अँधेरी रात में रेगिस्तान पर चमकते चाँद की चांदनी का साथ हो तुम बेवजह ही बेहद खास हो तुम महज एक ख्याल हो तुम या, फिर कोई एहसास हो तुम कोई अल्फ़ाज़ हो या एक बेफिक्र सा.., अंदाज हो तुम, तुम एक दिल की दबी खवीएश हो,, या हो कोई ज़ज़्बात दिल का। तुम मुस्कराहट हो वजह हो मुस्कुराने की