ये प्यार और ज़ियादा उजाड़ सकता है, मगर कहां ये इरादा उजाड़ सकता है, یہ پیار اور زیادہ اُجاڑ سکتا ہے، مگر کہاں ي ارادہ اُجاڑ سکتا ہے، इससे बेहतर है के तू मुझसे बेवफाई कर, हम शरीफों को ये वादा उजाड़ सकता है !! اسے بہتر ہے کہ تو مُجھسے بیوفائی کر، ہم شریفوں کو ي وعدہ اُجاڑ سکتا ہے !! ©Maqbul Alam ये प्यार और ज़ियादा उजाड़ सकता है, मगर कहां ये इरादा उजाड़ सकता है, इससे बेहतर है के तू मुझसे बेवफाई कर, हम शरीफों को ये वादा उजाड़ सकता है !! #Poetry #Shayari #gazal