बज़्म-ए-ग़मगीन खो देते हैं, ज़ीस्त मुतमईन खो देते हैं जैसे ही आता है गुमाँ सर पर, तो पांव ज़मीन खो देते है...। खो देते है....... बज़्म-ए-गमगीन= दुखी लोगों का माहौल ज़ीस्त= ज़िन्दगी, मुतमईन= सन्तुष्ट, बेफिक्र #yqbaba #yqdidi #yqshayari #kho #dete #hai