परिस्थिति के अनुसार व्यक्ति के मस्तिष्क में विचार का निर्माण होता है। ऐसा करने पर परिस्थिति अनुकूल हो जाती है। किंतु अगर किसी व्यक्ति का स्वयं का निजी विवेक ना हो तो वह पहले विचार बनाता है फिर परिस्थिति से लड़ता है। ऐसा करने पर परिस्थिति उसके प्रतिकूल हो जाती है। #परिस्थिति #विवेक