वो मेरे गांव की कच्ची सड़के वो कच्चे कच्चे मकान.. एक घर में ही रख लेती थी मां सारा सामान.. घर में एक चार पाई ओर उस चार पाई पे ही सारे सो जाते थे.. वो मेरा गांव कितना सुंदर है ओर उसके लोग कितने अच्छे थे.. वो गुल्ली डंडे वाले यार एक आवाज पे ही सारे तैयार.. पूरा दिन घर से बाहर डंडी की बना कर कार.. कितना मजा लेते थे.. वो मेरा गांव कितना सुंदर है और उसके लोग कितने अच्छे थे.. ©vinni.शायर गांव... #bicycleride