" वो ढाते हैं सितम की मुस्कुरा के अब जान ले लेंगे , अब इस जान में जान कहा रही जब तक वो मेरी जान ना ले लेंगे , ये दौर की की उस से अब मैं वाकिफ होना चाहेंगे , तुझे छोड़ के यूं तन्हा फिर किसकी मुहब्बत से रुसवा होना चाहेंगे . " --- रबिन्द्र राम " वो ढाते हैं सितम की मुस्कुरा के अब जान ले लेंगे , अब इस जान में जान कहा रही जब तक वो मेरी जान ना ले लेंगे , ये दौर की की उस से अब मैं वाकिफ होना चाहेंगे , तुझे छोड़ के यूं तन्हा फिर किसकी मुहब्बत से रुसवा होना चाहेंगे . " --- रबिन्द्र राम #सितम #मुस्कुरा #जान #दौर #वाकिफ #मुहब्बत #रुसवा