ज़िन्दगी शतरंज की इक बिसात है। काले सादे ख़ाने दिन और रात है। चाल चलती सीधी और टेढ़ी कभी- जिसमें केवल शय है और मात है। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #शतरंज