मुस्करा कर देते हैं ज़बाब हम। करते हैं ज़ुबानी हिसाब हम। संभाला है दिल जो यादों का ख़ज़ाना, ना लुटाया,ना लुटायेगे जनाब हम। सोच समझ सभी पहलुओं को विचार, बात करेंगे। समय आने पर संगरूरवी, सभी मुश्किलें हल करने से नहीं डरेंगे। @©®✍️ सरबजीत संगरूरवी ©Sarbjit sangrurvi मुस्करा कर देते हैं ज़बाब हम। करते हैं ज़ुबानी हिसाब हम। संभाला है दिल जो यादों का ख़ज़ाना, ना लुटाया,ना लुटायेगे जनाब हम। सोच समझ सभी पहलुओं को विचार, बात करेंगे। समय आने पर संगरूरवी, सभी मुश्किलें हल करने से नहीं डरेंगे।