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मेरा मुझमें दिल नही लग रहा, मैं मुझसे मिलने को खड़ा

मेरा मुझमें दिल नही लग रहा,
मैं मुझसे मिलने को खड़ा हूँ,
मैं तुझमें भी नही मिल रहा..!

मैं जी भरके देख रहा हूँ तुझे..!
ये मेरा कैसा जी है,
तुझे देखके भी नही भर रहा..!

मैं निहायत ही मतलबी इंसान हूँ..!
तभी मैं किसी से नही मिल रहा..!
मैंने रख दिया मेरा हाथ मेरे सीने पे,
देखो न अब मेरा दिल नही मिल रहा..!

मैं ही मैं हो गया हूँ मुझमें,
मुझे ये अच्छा नही लग रहा..!
कहीं तुम्हें जो रब मिले तो कहना,
मुझे रब भी रब नही लग रहा..!

मैं मेरी दस्तरस से टकराके लौट आता हूँ जो हर बार,
क्या कहा...?? मैं अबके हो जाऊं तुम्हारा..??
यार मेरे मुझे ये वाजिब नही लग रहा..!

©Narendra Barodiya #narendrabarodiya #writer #Shayar #nazm  #Nojoto #nojotohindi
मेरा मुझमें दिल नही लग रहा,
मैं मुझसे मिलने को खड़ा हूँ,
मैं तुझमें भी नही मिल रहा..!

मैं जी भरके देख रहा हूँ तुझे..!
ये मेरा कैसा जी है,
तुझे देखके भी नही भर रहा..!

मैं निहायत ही मतलबी इंसान हूँ..!
तभी मैं किसी से नही मिल रहा..!
मैंने रख दिया मेरा हाथ मेरे सीने पे,
देखो न अब मेरा दिल नही मिल रहा..!

मैं ही मैं हो गया हूँ मुझमें,
मुझे ये अच्छा नही लग रहा..!
कहीं तुम्हें जो रब मिले तो कहना,
मुझे रब भी रब नही लग रहा..!

मैं मेरी दस्तरस से टकराके लौट आता हूँ जो हर बार,
क्या कहा...?? मैं अबके हो जाऊं तुम्हारा..??
यार मेरे मुझे ये वाजिब नही लग रहा..!

©Narendra Barodiya #narendrabarodiya #writer #Shayar #nazm  #Nojoto #nojotohindi