मनोज की कलम से: मध्यम मध्यम होले होले पायल उसकी खनक रही हूं ऐसा लगता है शायद धरती फिर से थिरक रही है .... जाने आगे अब क्या होगा दायीं आंख फड़क रही है एक माह में चार बार अब पृथ्वी रानी मटक रही है .... चीन-कोरोना-पाक और अब मेदिनी पग झटक रही है महादेव अब नृत्य करेगें बायीं आंख फड़क रही है ... अब भी संभलो, फिर से सोचो बार बार संदेश यही है वसुंधरा को भोग्या समझा अब नेचर की सनक रही है .... मेदनी=धरती #भूकंप #भूकंप