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लग जा गले . #मेरी_फ्रेंड_लिस्ट //////

लग जा गले .              #मेरी_फ्रेंड_लिस्ट
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कोई योजना .....याकि चिंता.... 
               सुबह होते जाग जाती--  है हमारे साथ ही;
                   यातो जगकर .....हमसे पहले ......
     है वही हमको जगाती।

वो फिराती...साथ हमको.... 
     घर से दफ्तर, बाजार-- दिन भर;
                    गलियों-गलियों ,द्वारे-द्वारे जब भटकते...
हार कर हम बैठ जाते

वो छोड़ हमको...फिर वहीं पर...हो जाती नदारत;
                 बेवफा सी-............ बेहया सी.........,,

तब कहीं ,कोई उदासी.....
         याके मेरी ही थकन ......!!!
साथ मेरे लौटती है..... 
         मेरे घर- मेरे बिस्तर तक/-

बहुत दिनों तक इस तरह से  जीते-जीते .......
जब कभी जीना हमारा..... हो जाता है दूभर

तब सम्हलकर अनुभवों से
तब मचलकर बिल्डिंगों से
            तब निकल कर बंदिशों से -------

बैठ जाए हैं...... किसी उद्यान में
     बैठ जाते हैं...... किसी नदी पुल पर
      बैठ जाते हैं...... किसी समुद्र तट पर

ले के अपनी .....#डायरी या
   ले के अपनी .....#फ़ेसबुक
             खोलते हैं  #फेंड_लिस्ट तब 
                 जोकि कब से फुल पड़ी है!

देखते हैं .......एक-एक चेहरा
   देखते हैं .......एक-एक दिल को
  देखते हैं .......रसीली भावनाएं
        देखते हैं .......फिर बहुत संभावनाएं

                 जो कि कबसे.... राह ताकती
         जो कि कबसे ......ताक पर थी
जो कि कबसे ...... थी हमारी।।

और फिर ...... वो  चंद घंटे
और फिर ...... वो चंद चेहरे
और फिर ...... वो चंद बातें

कर देती हैं लबालब...  उम्मीदों से
                                 --ऊर्जा से
                                  ---उत्साह से!!

 ""फिर उसी  दरिया में  उतरने को""
               ""फिर उसी जी- जी के मरने को।।""

©Adarsh Dwivedi #myfreinds 
#mybestfriend 
#jindgi 
#dilkibaat
लग जा गले .              #मेरी_फ्रेंड_लिस्ट
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कोई योजना .....याकि चिंता.... 
               सुबह होते जाग जाती--  है हमारे साथ ही;
                   यातो जगकर .....हमसे पहले ......
     है वही हमको जगाती।

वो फिराती...साथ हमको.... 
     घर से दफ्तर, बाजार-- दिन भर;
                    गलियों-गलियों ,द्वारे-द्वारे जब भटकते...
हार कर हम बैठ जाते

वो छोड़ हमको...फिर वहीं पर...हो जाती नदारत;
                 बेवफा सी-............ बेहया सी.........,,

तब कहीं ,कोई उदासी.....
         याके मेरी ही थकन ......!!!
साथ मेरे लौटती है..... 
         मेरे घर- मेरे बिस्तर तक/-

बहुत दिनों तक इस तरह से  जीते-जीते .......
जब कभी जीना हमारा..... हो जाता है दूभर

तब सम्हलकर अनुभवों से
तब मचलकर बिल्डिंगों से
            तब निकल कर बंदिशों से -------

बैठ जाए हैं...... किसी उद्यान में
     बैठ जाते हैं...... किसी नदी पुल पर
      बैठ जाते हैं...... किसी समुद्र तट पर

ले के अपनी .....#डायरी या
   ले के अपनी .....#फ़ेसबुक
             खोलते हैं  #फेंड_लिस्ट तब 
                 जोकि कब से फुल पड़ी है!

देखते हैं .......एक-एक चेहरा
   देखते हैं .......एक-एक दिल को
  देखते हैं .......रसीली भावनाएं
        देखते हैं .......फिर बहुत संभावनाएं

                 जो कि कबसे.... राह ताकती
         जो कि कबसे ......ताक पर थी
जो कि कबसे ...... थी हमारी।।

और फिर ...... वो  चंद घंटे
और फिर ...... वो चंद चेहरे
और फिर ...... वो चंद बातें

कर देती हैं लबालब...  उम्मीदों से
                                 --ऊर्जा से
                                  ---उत्साह से!!

 ""फिर उसी  दरिया में  उतरने को""
               ""फिर उसी जी- जी के मरने को।।""

©Adarsh Dwivedi #myfreinds 
#mybestfriend 
#jindgi 
#dilkibaat