Dear Diary ✍️आज की डायरी✍️ अब कहाँ वक़्त मिलता है किसी को दो पल साथ रहने का , ज़िन्दगी के कश्मकश में लोग अपने को भी भूल जाते हैं । कुसूर समय का है या ख़ुद का ये समझ नहीं आता है हमें , बदलाव के इस दौर में, इन्सान में इन्सान नज़र नहीं आते हैं ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र #diary