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सवाल सदियों से एक ही दबा हिसाब लगा तो ज्यादा खोय

सवाल सदियों से एक ही दबा 
हिसाब  लगा तो ज्यादा खोया
निकाह हमसे, मौत में भी हम
क्यों ना  प्यार  हर रोज पाया  कोई कोमल हुआ तो हमारी उपमा 
देवताओं  को  भी  हमे  चढ़ाया  
हमने दी तुम्हें सुंगध ख़ुद फ़ना होके 
क्यों  तुमने  फिर  भी  ठुकराया ! 

हम कुछ माँगते नहीं, और लोग हमें कुचलने लगते है, फेंक देते हैं जब सूख जाते हैं..!

एक अजब सी परेशानी होती है जब लोग फूल को तोड़ते, कुचलते हैं, इनसे इश्क़ कीजिए, मोहब्बत कीजिए, यह महबूब से कम नहीं, अगर हैं तो सोचो इनके बिना सुहाग की सेज कैसे सजेगी, वरमाला कैसे बनेगी, तस्वीर पर माला कैसे चढ़ेगी..!
सवाल सदियों से एक ही दबा 
हिसाब  लगा तो ज्यादा खोया
निकाह हमसे, मौत में भी हम
क्यों ना  प्यार  हर रोज पाया  कोई कोमल हुआ तो हमारी उपमा 
देवताओं  को  भी  हमे  चढ़ाया  
हमने दी तुम्हें सुंगध ख़ुद फ़ना होके 
क्यों  तुमने  फिर  भी  ठुकराया ! 

हम कुछ माँगते नहीं, और लोग हमें कुचलने लगते है, फेंक देते हैं जब सूख जाते हैं..!

एक अजब सी परेशानी होती है जब लोग फूल को तोड़ते, कुचलते हैं, इनसे इश्क़ कीजिए, मोहब्बत कीजिए, यह महबूब से कम नहीं, अगर हैं तो सोचो इनके बिना सुहाग की सेज कैसे सजेगी, वरमाला कैसे बनेगी, तस्वीर पर माला कैसे चढ़ेगी..!

कोई कोमल हुआ तो हमारी उपमा देवताओं को भी हमे चढ़ाया हमने दी तुम्हें सुंगध ख़ुद फ़ना होके क्यों तुमने फिर भी ठुकराया ! हम कुछ माँगते नहीं, और लोग हमें कुचलने लगते है, फेंक देते हैं जब सूख जाते हैं..! एक अजब सी परेशानी होती है जब लोग फूल को तोड़ते, कुचलते हैं, इनसे इश्क़ कीजिए, मोहब्बत कीजिए, यह महबूब से कम नहीं, अगर हैं तो सोचो इनके बिना सुहाग की सेज कैसे सजेगी, वरमाला कैसे बनेगी, तस्वीर पर माला कैसे चढ़ेगी..! #flowers #Kumaarsthought #kumaarpoem #फूलोंकीदास्ताँ #flowerpain