किफ़ायत सिर्फ़ पैसों की ही नही होती अपने शब्दों विचारों की भी होती है अतः जब भी बोलो सोचसमझकर बोलो एवं नकारात्मक विचारों को मन में पनाह न दो किफ़ायत का मतलब ये नही कि सामर्थ्य होते हुए भी अपनी इच्छाओं को भी मारो बल्कि जहाँ जरूरत है वहां दिल खोलकर खर्च करिये लेकिन दिखावे के लिए नही और हाँ इतना जरूर होना चाहिए कि आवश्यकता पड़ने पर काम आ सके ©Kusum Sharma #कुसुम #NojotoHondi #Nojoto #writerscommunity #writers #oneword