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तस्वीर तू नहीं दिखी है इक अरसे से पर तेरी एक तस्वी

तस्वीर तू नहीं दिखी है इक अरसे से
पर तेरी एक तस्वीर है मेरे पास
देखकर तेरी तबस्सुम उसमें 
हाँ चल ही जाती है सांस।

बिना इश्क़-नशे के, पीने को जाम नहीं कहते
यूँ तस्वीर के सहारे जीने को जान नहीं कहते
वो खिलखिलाहट तेरी हो नजर के सामने तो कोई बात होती
यूँ फकत सूरज के ढलने को शाम नहीं कहते। #तस्वीर_तेरी
तस्वीर तू नहीं दिखी है इक अरसे से
पर तेरी एक तस्वीर है मेरे पास
देखकर तेरी तबस्सुम उसमें 
हाँ चल ही जाती है सांस।

बिना इश्क़-नशे के, पीने को जाम नहीं कहते
यूँ तस्वीर के सहारे जीने को जान नहीं कहते
वो खिलखिलाहट तेरी हो नजर के सामने तो कोई बात होती
यूँ फकत सूरज के ढलने को शाम नहीं कहते। #तस्वीर_तेरी