दिल मे घर कर गयी है कई रात वो रात जिसमे होती थी तुम और होती थी तुमसे मेरी मुलाकात चाँद की ओट में खड़ी हो मुस्कुराती थी तुम सितारों को केशो में लिपटा कर खुद को सजाती थी तुम हाँ ,तुम स्वपन में ही करती थी मुलाकात आज याद आ रही फिर वही रात नींद भले नहीं आयी है बरसो से पर सोने की कोशिश करता हूँ फिर आज इस उम्मीद से की तुम लौट आओगी आज की रात फिर से करने बात सुलझा दोगी मेरी उलझनों को खुल जाएंगी मन की गांठ बता दोगी अपने मन की बात उजागर कर दोगी अपने दिल के सारे राज और ठहर जाओगी तुम मेरी ज़िंदगी में मेरी सांसो का हिस्सा बन कर तब तुम्हे देखने के लिए आंखों को बंद करने की जरूरत नहीं होगी तुम स्वपन नहीं हकीकत होगी--अभिषेक राजहंस #NojotoQuote दिल मे घर कर गई है कई रात